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Deepika Bhatnagar, Author at Rashtriya Pratishtha Puraskar https://rashtriyapratishtha.com/author/deepika-bhatnagar/ Honoring India's Outstanding Achievers Tue, 27 Jun 2023 18:50:48 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 https://rashtriyapratishtha.com/wp-content/uploads/2022/08/cropped-t-1-32x32.png Deepika Bhatnagar, Author at Rashtriya Pratishtha Puraskar https://rashtriyapratishtha.com/author/deepika-bhatnagar/ 32 32 एस्ट्रोलॉजी की फील्ड में अद्भुत सफर के लिए डॉक्टर रूपल को मिला राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरुस्कार https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/28/rashtriya-pratishtha-purushkar-dr-rupal-rapatwar/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/28/rashtriya-pratishtha-purushkar-dr-rupal-rapatwar/#respond Tue, 27 Jun 2023 18:48:35 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=447 जिंदगी में सफलता पाने का सबसे पहला सूत्र कड़ी मेहनत और आत्म-विश्ववास ही है। अगर आप मेहनत और हौंसले के साथ कुछ करने की ठान लेते हैं, तो फिर आपको मंजिल मिल ही जाती है। जो लोग ऐसा कहते हैं कि जिदंगी में जिम्मेदारियों के चलते वे अपने सपने पूरे नहीं कर पाए या फिर […]

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जिंदगी में सफलता पाने का सबसे पहला सूत्र कड़ी मेहनत और आत्म-विश्ववास ही है। अगर आप मेहनत और हौंसले के साथ कुछ करने की ठान लेते हैं, तो फिर आपको मंजिल मिल ही जाती है। जो लोग ऐसा कहते हैं कि जिदंगी में जिम्मेदारियों के चलते वे अपने सपने पूरे नहीं कर पाए या फिर वे कुछ हासिल करना चाहते थे लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया, वो गलत कहते हैं।

क्योंकि अगर आप सच्चे दिल से मेहनत कर रहे हैं, तो सफलता आपको जरूर मिलेगी, कोई भी मुश्किल आपके रास्ते का कांटा नहीं बन सकती है। इस बात का साबित किया प्रख्यात एस्ट्रोलॉजर डॉक्टर रूपल ने।

डॉक्टर रूपल को बचपन से ही एस्ट्रोलॉजी में रुचि थी और  उनमें इंट्यूशन पॉवर भी थी। परिवार की जिम्मेदारी और भी बाकी चीजों के चलते एस्ट्रोलॉजी को करियर के तौर पर चुनना रूपल जी के लिए इतना आसान नहीं था। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरी शुरु की और घर की जिम्मेदारियों को उठाने में लग गईं। लेकिन उनके मन में एस्ट्रोलॉजी में करियर बनाने की चाह थी। उन्होंने एस्ट्रोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन और फिर 2021-22 में पीएचडी की।

एक एस्ट्रोलॉजर के तौर पर उनका सफर लगभग 17 साल का रहा है और 14 साल से वह पूरी तरह से इस प्रोफेशन में हैं। उनमें कई ऐसी खूबिया हैं जो उन्हें बाकी एस्ट्रोलॉजर से अलग बनाती हैं। जैसे कि वह सिर्फ कुछ बुनियादी जानकारी के साथ इस प्रोफेशन में नहीं आई हैं, बल्कि उन्हें इसमें महारथ हासिल है।

वह लोगों के साथ फ्रॉड नहीं करना चाहती हैं इसलिए अपनी जानकारी और विद्या के बल पर लोगों को सटीक जानकारी देती हैं। इतना ही नहीं, वह लोगों के सवाल करने से पहले ही उनकी डिटेल्स के आधार पर उन्हें उनके भूत, वर्तमान और भविष्य की जानकारी दे देती हैं। खासतौर पर शादी-विवाह से जुड़ी बातों पर वह विशेष राय देती हैं। दो लोगों के बीच शादी के लिए कितने गुणों का मिलान होना चाहिए, शादी आगे चलकर टूटे ना, इसके लिए किन बातों पर ध्यान देना चाहिए, यह सब रूपल जी की विशेषता है। कुंडली में मौजूद दोषों, वास्तु से जुड़े उपाय और कुंडली मिलान में वह पारंगत हैं। रूपल जी को पीएचडी के दौरान कॉलेज से अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा भी ज्योतिष के क्षेत्र में अपने अहम योगदान के लिए रूपल जी को कई पुरुस्कारों से नवाजा जा चुका है।

 

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राह में आने वाली मुश्किलों को अपनी ताकत बनाकर अमित वालिया ने लिखी कामयाबी की इबारत https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/25/rashtriya-pratishtha-purushkar-amit-walia/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/25/rashtriya-pratishtha-purushkar-amit-walia/#respond Sat, 24 Jun 2023 20:09:41 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=438 अमित वालिया को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा उनके सराहनीय सफर और मेहनत के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कहते हैं कि जब परिस्थियां विपरीत होती हैं, तो सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है लेकिन सफलता का स्वाद बहुत […]

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अमित वालिया को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा उनके सराहनीय सफर और मेहनत के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कहते हैं कि जब परिस्थियां विपरीत होती हैं, तो सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है लेकिन सफलता का स्वाद बहुत मीठा होता है। अमित वालिया की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पंजाब में जन्मे अमित को बचपन से ही अपने साथियों, टीचर्स यहां तक कि भाईयों ने भी उनके शर्मीले स्वाभाव के कारण बहुत परेशान किया। इस तरह के बर्ताव के चलते उन्हें डिप्रेशन भी झेलना पड़ा। अमित एक क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें क्रिकेट की फील्ड में उनका हुनर दिखाने का उन्हें एक भी मौका नहीं दिया। अमित एक संयुक्त परिवार में पले-बड़े। संयुक्त परिवार की जिम्मेदारियों के कारण, उनके माता-पिता को उनके विकास, स्वास्थ्य और सपनों पर ध्यान देने का वक्त नहीं मिला।

परिवार का अकेला बेटा होने के कारण अमित पर काफी जिम्मेदारियां थीं। हर तरफ से उपेक्षा और मुश्किलों का सामना करते हुए भी अमित ने खुद को कभी हारने नहीं दिया। उन्होंने अपने अकेलेपन, लोगों के ताने और परेशानियों को अपनी ताकत बनाया। वह सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखते हैं। वह शराब और धूम्रपान जैसी हानिकारक चीजों से दूर रहते हैं और प्रकृति को प्यार करते हैं। पैसे के पीछे भागना उनके जीवन का उद्देश्य नहीं है बल्कि वह एक अच्छा इंसान बनना चाहते हैं। उन्होंने कई ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट हासिल किए हैं। शुरुआत में उनका पढ़ाई में ज्यादा रूझान नहीं था लेकिन उन्होंने समय के साथ खुद को बदला और आज वह एक इंटरनेशनल ट्रेनर हैं। उन्होंने पूरी दुनिया में 3,500 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है। वह फ्यूचर चैंप्स इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।

समाज सेवा के कार्यों में भी उनकी बहुत रुचि है। वह जरूरतमंद बच्चों को फ्री शिक्षा देते हैं। वह एक एक्टर, मॉडल, कवि, ट्रेनर और इंफ्लुएंसर हैं। इसके अलावा वह सर्टिफाइड क्रिकेट एनालिस्ट, सर्टिफाइड स्पोकन इंग्लिश और पर्सनालिटी ट्रेनर व सर्टिफाइड लाइफ कोच हैं। अपने जीवन में परेशानी झेल रहे हजारों लोगों के लिए वह प्रेरणा स्त्रोत है। अगर आप दिल से कुछ हासिल करने की कोशिश करें और हिम्मत न हारें, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं, अमित इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं।

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राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित हुए सामाजिक कार्यकर्ता लाल जी भाई के. पटेल https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-laljibhai-k-patel/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-laljibhai-k-patel/#respond Sat, 24 Jun 2023 16:23:25 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=417 लाल जी भाई के. पटेल को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा समाज सेवा में उनके कार्यों के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिंदगी में बहुत सारी चीजें ऐसी होती हैं जो हमें आसानी से मिल जाती हैं। यही वजह है कि वे […]

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लाल जी भाई के. पटेल को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा समाज सेवा में उनके कार्यों के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिंदगी में बहुत सारी चीजें ऐसी होती हैं जो हमें आसानी से मिल जाती हैं। यही वजह है कि वे चीजें किसी के लिए कितनी जरूरी हो सकती हैं, हमें इसका अंदाजा ही नहीं होता है। समाज में अभी भी न जाने कितने लोग ऐसे हैं जो अभी तक अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन लोगों के लिए, इनकी जरूरतों को समझने और पूरी करने के लिए कई लोग फरिश्ते की तरह काम करते हैं। ऐसे ही एक समाजसेवक हैं लाल जी भाई के. पटेल।

वह सन 2000 से समाज सेवा में लगे हुए हैं। लालजी भाई कालाभाई पटेल, चौधरी कालाभाई खेटा भेडुरु(भगत) चैरिटेबल ट्रस्ट के फाउंडर हैं। लालजी भाई 2014 से अपना एनजीओ भी चला रहे हैं। उन्होंने गांव और पिछड़े क्षेत्रों में कई समस्याओं को देखा। बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही थी

उनके माता-पिता भी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। लालजी भाई खुद भी ज्यादा पढ़ नहीं पाए इसलिए उन्होंने तय किया कि वह शिक्षा को हर बच्चे तक पहुंचाएंगे। जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं या जिनके पास पढ़ाई-लिखाई के पर्याप्त साधन नहीं हैं, उन्हें शिक्षा मुहैया करवाना लालजी भाई और उनके एनजीओ का उद्देश्य है। उन्होंने 3 एकड़ के क्षेत्र में एक स्कूल भी बनवाया है। इस स्कूल में क्लास 1 से क्लास 12 तक के बच्चे शिक्षा लेते हैं।

लालजी भाई की सोच है कि सब अपनी जिंदगी जीते हैं, अपने लिए अच्छा सोचते हैं, अपने परिवार के लिए हर खुशी चाहते हैं। लेकिन असल में वहीं सच्चा इंसान है जो दूसरे के लिए, समाज के लिए और देश के लिए कुछ करे जिससे आने वाली पीढ़ियां उसे याद रखें। लाल जी भाई को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई पुरुस्कार भी मिल चुके हैं। नोएडा में हुए एक बड़े समारोह में देश भर के 500 बड़े एनजीओ ने हिस्सा लिया था। इसमें टॉप 10 में लालजी भाई का एनजीओ भी शामिल था। लाल जी भाई युवा पीढ़ी को यही संदेश देते हैं कि वह मेहनत करें। अपने मोबाइल का इस्तेमाल अच्छी चीजों और जिदंगी को बेहतर बनाने के लिए करें।

 

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अपने प्रेरणादायक सफर के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित हुए परेश वाघासिया https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-paresh-vaghasiya/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-paresh-vaghasiya/#respond Sat, 24 Jun 2023 06:48:20 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=419 परेश वाघासिया को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रहित और समाज सेवा में किए गए उनके बेहतरीन कार्यों के लिए उन्हें यह पुरुस्कार मिला। कहते हैं कि अगर आप मन में कुछ करने की ठान लें, तो फिर […]

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परेश वाघासिया को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रहित और समाज सेवा में किए गए उनके बेहतरीन कार्यों के लिए उन्हें यह पुरुस्कार मिला। कहते हैं कि अगर आप मन में कुछ करने की ठान लें, तो फिर कोई भी मुश्किल आपके हौंसले को कम नहीं कर सकती है। परेश वाघासिया जी की कहानी कुछ ऐसी ही है।

वल्लभीपुर, गुजरात में जन्मे परेश वाघासिया का बचपन गांव में बीता। एक अच्छे भविष्य की नींव बचपन में ही पड़ जाती है। परेश जी के माता-पिता ने भी बचपन से उनमें संस्कारों और धर्म के साथ चलने की नींव डाली।

घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण, उन्होंने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की और फिर डायमंड बिजनेस के साथ जुड़ गए। 2001 में उनकी शादी हुई। उनकी पत्नी ने भी उन्हें बहुत सपोर्ट किया। 2001 से 2015 तक वह भावनगर में रहे और 2015 में सूरत आ गए। यहां उन्होंने डायमंड ब्रोकरेज का काम शुरू किया।

देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रभावशाली फैसलों ने उन पर गहरा असर डाला। नोटबंदी, धारा 370 का हटना और राम मंदिर निर्माण जैसे फैसलों से प्रेरित होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का फैसला किया। 2020 में टीम मोदी सपोर्टर संघ में वह सदस्य के रूप में शामिल हुए। 2021 में मोदी सपोर्टर संघ में उन्हें गुजरात प्रदेश सहमंत्री का पद मिला और उन्होंने संगठन में अपना काम शुरू किया।

1 जून, 2022 उनके जन्मदिन वाले दिन ही संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयकरन सिंह जी द्वारा उन्हें गुजरात प्रदेश युवा प्रमुख की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद उन्होंने गुजरात के सब जिला, ताल्लुके और विधानसभा में युवा टीम बनाई।

साल 2022 में राखी कार्यक्रम, आर्मी परिवारों के सम्मान का कार्यक्रम, मोदी जी के 72वें जन्मदिन पर दिव्यांग बच्चों के साथ केक काटने और खाना बांटने का कार्यक्रम और ब्लड डोनेशन कैम्प जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।

24 अप्रैल,2023 को मोदी सपोर्टर संघ ने परेश जी के योगदान और सराहनीय कामों को देखते हुए, उन्हें राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष बनाया। परेश जी के जीवन का उद्देश्य है कि वह सबसे पहले राष्ट्र के बारे में सोचते हैं। वह राष्ट्र के लिए क्या कर सकते हैं, यही सवाल वह खुद से पूछते हैं।

संगठन के सभी सदस्यों के साथ मिलकर परेश जी संगठन को आगे ले जा रहे है और संगठन के सभी सदस्य पूरी तरह अपना सहयोग उन्हें दे रहे हैं। पूरे देश में से कोई भी इस संगठन से जुड़ सकता है। जुड़ने के लिए सिर्फ आपको 9033271648 नम्बर पर व्हाट्सएप करना है।

परेश जी ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। आज वह एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। अनाथ बच्चों, युवतियों और समाज के अन्य वर्गों की सेवा के लिए वह बहुत काम कर रहे हैं। टीम मोदी सपोर्टर संघ संगठन का मुख्य उद्देश्य ,भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देकर वडाप्रधान नरेंद्र मोदीजी के हाथ मजबूत करना और योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना ,अखंड भारत बनाना ,बेसहारा लोगो की सहायता करना और नरेन्द्र मोदी जी के कार्यों को आगे बढ़ाना है।

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15 साल की उम्र में लिखी पहली किताब, युवा लेखकों के लिए प्रेरणा हैं करन तिवारी https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/29/rashtriya-pratishta-author-karan-tiwari/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/29/rashtriya-pratishta-author-karan-tiwari/#respond Mon, 29 May 2023 08:52:09 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=306 कहावत है कि “उम्र तो सिर्फ एक अंक है, सच्ची शक्ति सपनों में होती है”। यह कहावत बिहार के सानी कुड़ूवा, जिला सिवान के करन तिवारी पर पूरी तरह से लागू होती है। 22 वर्षीय करन तिवारी, एक युवा लेखक और प्रोफेसर हैं, जिन्होंने अपने बचपन की उम्र में ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर […]

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कहावत है कि “उम्र तो सिर्फ एक अंक है, सच्ची शक्ति सपनों में होती है”। यह कहावत बिहार के सानी कुड़ूवा, जिला सिवान के करन तिवारी पर पूरी तरह से लागू होती है। 22 वर्षीय करन तिवारी, एक युवा लेखक और प्रोफेसर हैं, जिन्होंने अपने बचपन की उम्र में ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर दिया था। उन्होंने 15 साल की आयु में अपनी पहली किताब लिखी थी। यह एक बहुत ही नायाब उपलब्धि है जो आमतौर पर हर किसी के बस की बात नहीं होती है। अगर आपके सपने बड़े हैं, इरादे मजबूत हैं और मेहनत करने का जुनून है तो आप कम उम्र में ही बड़ी कामयाबी और मुकाम हासिल कर सकते हैं। करन तिवारी इस बात की जीती जागती मिसाल हैं। करन कम उम्र में ही अपने जिले और पूरे देश का नाम रोशन कर रहे हैं। 

करन के लिए लिखना केवल एक शौक नहीं बल्कि एक आवश्यकता थी, जो उन्हें अपने जीवन के प्रति और भी सकारात्मक बनाती थी। करन की किताबों में वह विशेष रूप से उन समस्याओं को उठाते हैं, जिन्हें हमारे समाज आमतौर पर अनदेखा कर देता है। इसके साथ ही, उन्होंने 15 साल की उम्र में ही अपना एनजीओ कैट फाउंडेशन खोल दिया था। इस एनजीओ के माध्यम से, वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं।

करन सिर्फ लिखते ही नहीं हैं, बल्कि प्रोफेसर भी हैं। करन युवाओं के लिए पूरे भारत के प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट्स में लगभग 80 से अधिक सेमिनार ले चुके हैं। करन अभी मुंबई में रहते हैं। 22 साल की उम्र में ही वह कई बड़ी उपलब्धियां और अवॉर्ड्स भी अपने नाम कर चुके हैं। टाइम ऑफ इंडिया के द्वारा उन्हें बेस्ट मुंबईकर की लिस्ट में शामिल किया गया था। इसके अलावा उन्हें एमेजॉन ने उन्हें उभरते हुए लेखकों की सूची में भी जगह दी थी। उन्होंने स्मोकिल्स, एंटी रेप कैंपेन और एजुकेशन फॉर ऑल जैसी कई कैंपेन्स में काम किया है।

उनके पढ़ाए हुए कई स्टुडेंट्स आईआईटी, एनडीए और यूपीएससी,सीडीएस में सलेक्ट हो चुके हैं। करन ने सिर्फ सपने देखे ही नहीं, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत भी की और इसलिए आज वह इस मुकाम पर हैं। 

करन तिवारी की कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी की भी उम्र, पेशा, या सामाजिक स्थिति को देखकर उनकी क्षमता का अनुमान नहीं लगाया जाना चाहिए। अगर काबिलियत हो, सच्ची लगन हो, मन में कुछ कर दिखाने का हौंसला हो तो फिर मुश्किल से मुश्किल ख्वाब भी हकीकत में बदल सकते हैं।

 

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