अमित वालिया को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा उनके सराहनीय सफर और मेहनत के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कहते हैं कि जब परिस्थियां विपरीत होती हैं, तो सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है लेकिन सफलता का स्वाद बहुत मीठा होता है। अमित वालिया की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पंजाब में जन्मे अमित को बचपन से ही अपने साथियों, टीचर्स यहां तक कि भाईयों ने भी उनके शर्मीले स्वाभाव के कारण बहुत परेशान किया। इस तरह के बर्ताव के चलते उन्हें डिप्रेशन भी झेलना पड़ा। अमित एक क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें क्रिकेट की फील्ड में उनका हुनर दिखाने का उन्हें एक भी मौका नहीं दिया। अमित एक संयुक्त परिवार में पले-बड़े। संयुक्त परिवार की जिम्मेदारियों के कारण, उनके माता-पिता को उनके विकास, स्वास्थ्य और सपनों पर ध्यान देने का वक्त नहीं मिला।
परिवार का अकेला बेटा होने के कारण अमित पर काफी जिम्मेदारियां थीं। हर तरफ से उपेक्षा और मुश्किलों का सामना करते हुए भी अमित ने खुद को कभी हारने नहीं दिया। उन्होंने अपने अकेलेपन, लोगों के ताने और परेशानियों को अपनी ताकत बनाया। वह सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखते हैं। वह शराब और धूम्रपान जैसी हानिकारक चीजों से दूर रहते हैं और प्रकृति को प्यार करते हैं। पैसे के पीछे भागना उनके जीवन का उद्देश्य नहीं है बल्कि वह एक अच्छा इंसान बनना चाहते हैं। उन्होंने कई ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट हासिल किए हैं। शुरुआत में उनका पढ़ाई में ज्यादा रूझान नहीं था लेकिन उन्होंने समय के साथ खुद को बदला और आज वह एक इंटरनेशनल ट्रेनर हैं। उन्होंने पूरी दुनिया में 3,500 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है। वह फ्यूचर चैंप्स इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
समाज सेवा के कार्यों में भी उनकी बहुत रुचि है। वह जरूरतमंद बच्चों को फ्री शिक्षा देते हैं। वह एक एक्टर, मॉडल, कवि, ट्रेनर और इंफ्लुएंसर हैं। इसके अलावा वह सर्टिफाइड क्रिकेट एनालिस्ट, सर्टिफाइड स्पोकन इंग्लिश और पर्सनालिटी ट्रेनर व सर्टिफाइड लाइफ कोच हैं। अपने जीवन में परेशानी झेल रहे हजारों लोगों के लिए वह प्रेरणा स्त्रोत है। अगर आप दिल से कुछ हासिल करने की कोशिश करें और हिम्मत न हारें, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं, अमित इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं।