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Rashtriya Pratishtha purushkar Archives - Rashtriya Pratishtha Puraskar https://rashtriyapratishtha.com/tag/rashtriya-pratishtha-purushkar/ Honoring India's Outstanding Achievers Tue, 27 Jun 2023 18:50:48 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 https://rashtriyapratishtha.com/wp-content/uploads/2022/08/cropped-t-1-32x32.png Rashtriya Pratishtha purushkar Archives - Rashtriya Pratishtha Puraskar https://rashtriyapratishtha.com/tag/rashtriya-pratishtha-purushkar/ 32 32 एस्ट्रोलॉजी की फील्ड में अद्भुत सफर के लिए डॉक्टर रूपल को मिला राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरुस्कार https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/28/rashtriya-pratishtha-purushkar-dr-rupal-rapatwar/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/28/rashtriya-pratishtha-purushkar-dr-rupal-rapatwar/#respond Tue, 27 Jun 2023 18:48:35 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=447 जिंदगी में सफलता पाने का सबसे पहला सूत्र कड़ी मेहनत और आत्म-विश्ववास ही है। अगर आप मेहनत और हौंसले के साथ कुछ करने की ठान लेते हैं, तो फिर आपको मंजिल मिल ही जाती है। जो लोग ऐसा कहते हैं कि जिदंगी में जिम्मेदारियों के चलते वे अपने सपने पूरे नहीं कर पाए या फिर […]

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जिंदगी में सफलता पाने का सबसे पहला सूत्र कड़ी मेहनत और आत्म-विश्ववास ही है। अगर आप मेहनत और हौंसले के साथ कुछ करने की ठान लेते हैं, तो फिर आपको मंजिल मिल ही जाती है। जो लोग ऐसा कहते हैं कि जिदंगी में जिम्मेदारियों के चलते वे अपने सपने पूरे नहीं कर पाए या फिर वे कुछ हासिल करना चाहते थे लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया, वो गलत कहते हैं।

क्योंकि अगर आप सच्चे दिल से मेहनत कर रहे हैं, तो सफलता आपको जरूर मिलेगी, कोई भी मुश्किल आपके रास्ते का कांटा नहीं बन सकती है। इस बात का साबित किया प्रख्यात एस्ट्रोलॉजर डॉक्टर रूपल ने।

डॉक्टर रूपल को बचपन से ही एस्ट्रोलॉजी में रुचि थी और  उनमें इंट्यूशन पॉवर भी थी। परिवार की जिम्मेदारी और भी बाकी चीजों के चलते एस्ट्रोलॉजी को करियर के तौर पर चुनना रूपल जी के लिए इतना आसान नहीं था। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरी शुरु की और घर की जिम्मेदारियों को उठाने में लग गईं। लेकिन उनके मन में एस्ट्रोलॉजी में करियर बनाने की चाह थी। उन्होंने एस्ट्रोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन और फिर 2021-22 में पीएचडी की।

एक एस्ट्रोलॉजर के तौर पर उनका सफर लगभग 17 साल का रहा है और 14 साल से वह पूरी तरह से इस प्रोफेशन में हैं। उनमें कई ऐसी खूबिया हैं जो उन्हें बाकी एस्ट्रोलॉजर से अलग बनाती हैं। जैसे कि वह सिर्फ कुछ बुनियादी जानकारी के साथ इस प्रोफेशन में नहीं आई हैं, बल्कि उन्हें इसमें महारथ हासिल है।

वह लोगों के साथ फ्रॉड नहीं करना चाहती हैं इसलिए अपनी जानकारी और विद्या के बल पर लोगों को सटीक जानकारी देती हैं। इतना ही नहीं, वह लोगों के सवाल करने से पहले ही उनकी डिटेल्स के आधार पर उन्हें उनके भूत, वर्तमान और भविष्य की जानकारी दे देती हैं। खासतौर पर शादी-विवाह से जुड़ी बातों पर वह विशेष राय देती हैं। दो लोगों के बीच शादी के लिए कितने गुणों का मिलान होना चाहिए, शादी आगे चलकर टूटे ना, इसके लिए किन बातों पर ध्यान देना चाहिए, यह सब रूपल जी की विशेषता है। कुंडली में मौजूद दोषों, वास्तु से जुड़े उपाय और कुंडली मिलान में वह पारंगत हैं। रूपल जी को पीएचडी के दौरान कॉलेज से अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा भी ज्योतिष के क्षेत्र में अपने अहम योगदान के लिए रूपल जी को कई पुरुस्कारों से नवाजा जा चुका है।

 

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राह में आने वाली मुश्किलों को अपनी ताकत बनाकर अमित वालिया ने लिखी कामयाबी की इबारत https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/25/rashtriya-pratishtha-purushkar-amit-walia/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/25/rashtriya-pratishtha-purushkar-amit-walia/#respond Sat, 24 Jun 2023 20:09:41 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=438 अमित वालिया को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा उनके सराहनीय सफर और मेहनत के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कहते हैं कि जब परिस्थियां विपरीत होती हैं, तो सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है लेकिन सफलता का स्वाद बहुत […]

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अमित वालिया को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा उनके सराहनीय सफर और मेहनत के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कहते हैं कि जब परिस्थियां विपरीत होती हैं, तो सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है लेकिन सफलता का स्वाद बहुत मीठा होता है। अमित वालिया की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पंजाब में जन्मे अमित को बचपन से ही अपने साथियों, टीचर्स यहां तक कि भाईयों ने भी उनके शर्मीले स्वाभाव के कारण बहुत परेशान किया। इस तरह के बर्ताव के चलते उन्हें डिप्रेशन भी झेलना पड़ा। अमित एक क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार ने उन्हें क्रिकेट की फील्ड में उनका हुनर दिखाने का उन्हें एक भी मौका नहीं दिया। अमित एक संयुक्त परिवार में पले-बड़े। संयुक्त परिवार की जिम्मेदारियों के कारण, उनके माता-पिता को उनके विकास, स्वास्थ्य और सपनों पर ध्यान देने का वक्त नहीं मिला।

परिवार का अकेला बेटा होने के कारण अमित पर काफी जिम्मेदारियां थीं। हर तरफ से उपेक्षा और मुश्किलों का सामना करते हुए भी अमित ने खुद को कभी हारने नहीं दिया। उन्होंने अपने अकेलेपन, लोगों के ताने और परेशानियों को अपनी ताकत बनाया। वह सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखते हैं। वह शराब और धूम्रपान जैसी हानिकारक चीजों से दूर रहते हैं और प्रकृति को प्यार करते हैं। पैसे के पीछे भागना उनके जीवन का उद्देश्य नहीं है बल्कि वह एक अच्छा इंसान बनना चाहते हैं। उन्होंने कई ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट हासिल किए हैं। शुरुआत में उनका पढ़ाई में ज्यादा रूझान नहीं था लेकिन उन्होंने समय के साथ खुद को बदला और आज वह एक इंटरनेशनल ट्रेनर हैं। उन्होंने पूरी दुनिया में 3,500 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है। वह फ्यूचर चैंप्स इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।

समाज सेवा के कार्यों में भी उनकी बहुत रुचि है। वह जरूरतमंद बच्चों को फ्री शिक्षा देते हैं। वह एक एक्टर, मॉडल, कवि, ट्रेनर और इंफ्लुएंसर हैं। इसके अलावा वह सर्टिफाइड क्रिकेट एनालिस्ट, सर्टिफाइड स्पोकन इंग्लिश और पर्सनालिटी ट्रेनर व सर्टिफाइड लाइफ कोच हैं। अपने जीवन में परेशानी झेल रहे हजारों लोगों के लिए वह प्रेरणा स्त्रोत है। अगर आप दिल से कुछ हासिल करने की कोशिश करें और हिम्मत न हारें, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं, अमित इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं।

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राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित हुए सामाजिक कार्यकर्ता लाल जी भाई के. पटेल https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-laljibhai-k-patel/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-laljibhai-k-patel/#respond Sat, 24 Jun 2023 16:23:25 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=417 लाल जी भाई के. पटेल को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा समाज सेवा में उनके कार्यों के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिंदगी में बहुत सारी चीजें ऐसी होती हैं जो हमें आसानी से मिल जाती हैं। यही वजह है कि वे […]

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लाल जी भाई के. पटेल को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा समाज सेवा में उनके कार्यों के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिंदगी में बहुत सारी चीजें ऐसी होती हैं जो हमें आसानी से मिल जाती हैं। यही वजह है कि वे चीजें किसी के लिए कितनी जरूरी हो सकती हैं, हमें इसका अंदाजा ही नहीं होता है। समाज में अभी भी न जाने कितने लोग ऐसे हैं जो अभी तक अपनी मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन लोगों के लिए, इनकी जरूरतों को समझने और पूरी करने के लिए कई लोग फरिश्ते की तरह काम करते हैं। ऐसे ही एक समाजसेवक हैं लाल जी भाई के. पटेल।

वह सन 2000 से समाज सेवा में लगे हुए हैं। लालजी भाई कालाभाई पटेल, चौधरी कालाभाई खेटा भेडुरु(भगत) चैरिटेबल ट्रस्ट के फाउंडर हैं। लालजी भाई 2014 से अपना एनजीओ भी चला रहे हैं। उन्होंने गांव और पिछड़े क्षेत्रों में कई समस्याओं को देखा। बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही थी

उनके माता-पिता भी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। लालजी भाई खुद भी ज्यादा पढ़ नहीं पाए इसलिए उन्होंने तय किया कि वह शिक्षा को हर बच्चे तक पहुंचाएंगे। जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं या जिनके पास पढ़ाई-लिखाई के पर्याप्त साधन नहीं हैं, उन्हें शिक्षा मुहैया करवाना लालजी भाई और उनके एनजीओ का उद्देश्य है। उन्होंने 3 एकड़ के क्षेत्र में एक स्कूल भी बनवाया है। इस स्कूल में क्लास 1 से क्लास 12 तक के बच्चे शिक्षा लेते हैं।

लालजी भाई की सोच है कि सब अपनी जिंदगी जीते हैं, अपने लिए अच्छा सोचते हैं, अपने परिवार के लिए हर खुशी चाहते हैं। लेकिन असल में वहीं सच्चा इंसान है जो दूसरे के लिए, समाज के लिए और देश के लिए कुछ करे जिससे आने वाली पीढ़ियां उसे याद रखें। लाल जी भाई को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई पुरुस्कार भी मिल चुके हैं। नोएडा में हुए एक बड़े समारोह में देश भर के 500 बड़े एनजीओ ने हिस्सा लिया था। इसमें टॉप 10 में लालजी भाई का एनजीओ भी शामिल था। लाल जी भाई युवा पीढ़ी को यही संदेश देते हैं कि वह मेहनत करें। अपने मोबाइल का इस्तेमाल अच्छी चीजों और जिदंगी को बेहतर बनाने के लिए करें।

 

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अपने प्रेरणादायक सफर के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित हुए परेश वाघासिया https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-paresh-vaghasiya/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/06/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-paresh-vaghasiya/#respond Sat, 24 Jun 2023 06:48:20 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=419 परेश वाघासिया को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रहित और समाज सेवा में किए गए उनके बेहतरीन कार्यों के लिए उन्हें यह पुरुस्कार मिला। कहते हैं कि अगर आप मन में कुछ करने की ठान लें, तो फिर […]

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परेश वाघासिया को वर्थी वैलनेस ऑर्गेनाइजेशन की ओर से संस्था की फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रहित और समाज सेवा में किए गए उनके बेहतरीन कार्यों के लिए उन्हें यह पुरुस्कार मिला। कहते हैं कि अगर आप मन में कुछ करने की ठान लें, तो फिर कोई भी मुश्किल आपके हौंसले को कम नहीं कर सकती है। परेश वाघासिया जी की कहानी कुछ ऐसी ही है।

वल्लभीपुर, गुजरात में जन्मे परेश वाघासिया का बचपन गांव में बीता। एक अच्छे भविष्य की नींव बचपन में ही पड़ जाती है। परेश जी के माता-पिता ने भी बचपन से उनमें संस्कारों और धर्म के साथ चलने की नींव डाली।

घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण, उन्होंने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की और फिर डायमंड बिजनेस के साथ जुड़ गए। 2001 में उनकी शादी हुई। उनकी पत्नी ने भी उन्हें बहुत सपोर्ट किया। 2001 से 2015 तक वह भावनगर में रहे और 2015 में सूरत आ गए। यहां उन्होंने डायमंड ब्रोकरेज का काम शुरू किया।

देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रभावशाली फैसलों ने उन पर गहरा असर डाला। नोटबंदी, धारा 370 का हटना और राम मंदिर निर्माण जैसे फैसलों से प्रेरित होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने का फैसला किया। 2020 में टीम मोदी सपोर्टर संघ में वह सदस्य के रूप में शामिल हुए। 2021 में मोदी सपोर्टर संघ में उन्हें गुजरात प्रदेश सहमंत्री का पद मिला और उन्होंने संगठन में अपना काम शुरू किया।

1 जून, 2022 उनके जन्मदिन वाले दिन ही संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयकरन सिंह जी द्वारा उन्हें गुजरात प्रदेश युवा प्रमुख की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद उन्होंने गुजरात के सब जिला, ताल्लुके और विधानसभा में युवा टीम बनाई।

साल 2022 में राखी कार्यक्रम, आर्मी परिवारों के सम्मान का कार्यक्रम, मोदी जी के 72वें जन्मदिन पर दिव्यांग बच्चों के साथ केक काटने और खाना बांटने का कार्यक्रम और ब्लड डोनेशन कैम्प जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।

24 अप्रैल,2023 को मोदी सपोर्टर संघ ने परेश जी के योगदान और सराहनीय कामों को देखते हुए, उन्हें राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष बनाया। परेश जी के जीवन का उद्देश्य है कि वह सबसे पहले राष्ट्र के बारे में सोचते हैं। वह राष्ट्र के लिए क्या कर सकते हैं, यही सवाल वह खुद से पूछते हैं।

संगठन के सभी सदस्यों के साथ मिलकर परेश जी संगठन को आगे ले जा रहे है और संगठन के सभी सदस्य पूरी तरह अपना सहयोग उन्हें दे रहे हैं। पूरे देश में से कोई भी इस संगठन से जुड़ सकता है। जुड़ने के लिए सिर्फ आपको 9033271648 नम्बर पर व्हाट्सएप करना है।

परेश जी ने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। आज वह एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। अनाथ बच्चों, युवतियों और समाज के अन्य वर्गों की सेवा के लिए वह बहुत काम कर रहे हैं। टीम मोदी सपोर्टर संघ संगठन का मुख्य उद्देश्य ,भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देकर वडाप्रधान नरेंद्र मोदीजी के हाथ मजबूत करना और योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना ,अखंड भारत बनाना ,बेसहारा लोगो की सहायता करना और नरेन्द्र मोदी जी के कार्यों को आगे बढ़ाना है।

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15 साल की उम्र में लिखी पहली किताब, युवा लेखकों के लिए प्रेरणा हैं करन तिवारी https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/29/rashtriya-pratishta-author-karan-tiwari/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/29/rashtriya-pratishta-author-karan-tiwari/#respond Mon, 29 May 2023 08:52:09 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=306 कहावत है कि “उम्र तो सिर्फ एक अंक है, सच्ची शक्ति सपनों में होती है”। यह कहावत बिहार के सानी कुड़ूवा, जिला सिवान के करन तिवारी पर पूरी तरह से लागू होती है। 22 वर्षीय करन तिवारी, एक युवा लेखक और प्रोफेसर हैं, जिन्होंने अपने बचपन की उम्र में ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर […]

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कहावत है कि “उम्र तो सिर्फ एक अंक है, सच्ची शक्ति सपनों में होती है”। यह कहावत बिहार के सानी कुड़ूवा, जिला सिवान के करन तिवारी पर पूरी तरह से लागू होती है। 22 वर्षीय करन तिवारी, एक युवा लेखक और प्रोफेसर हैं, जिन्होंने अपने बचपन की उम्र में ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर दिया था। उन्होंने 15 साल की आयु में अपनी पहली किताब लिखी थी। यह एक बहुत ही नायाब उपलब्धि है जो आमतौर पर हर किसी के बस की बात नहीं होती है। अगर आपके सपने बड़े हैं, इरादे मजबूत हैं और मेहनत करने का जुनून है तो आप कम उम्र में ही बड़ी कामयाबी और मुकाम हासिल कर सकते हैं। करन तिवारी इस बात की जीती जागती मिसाल हैं। करन कम उम्र में ही अपने जिले और पूरे देश का नाम रोशन कर रहे हैं। 

करन के लिए लिखना केवल एक शौक नहीं बल्कि एक आवश्यकता थी, जो उन्हें अपने जीवन के प्रति और भी सकारात्मक बनाती थी। करन की किताबों में वह विशेष रूप से उन समस्याओं को उठाते हैं, जिन्हें हमारे समाज आमतौर पर अनदेखा कर देता है। इसके साथ ही, उन्होंने 15 साल की उम्र में ही अपना एनजीओ कैट फाउंडेशन खोल दिया था। इस एनजीओ के माध्यम से, वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं।

करन सिर्फ लिखते ही नहीं हैं, बल्कि प्रोफेसर भी हैं। करन युवाओं के लिए पूरे भारत के प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट्स में लगभग 80 से अधिक सेमिनार ले चुके हैं। करन अभी मुंबई में रहते हैं। 22 साल की उम्र में ही वह कई बड़ी उपलब्धियां और अवॉर्ड्स भी अपने नाम कर चुके हैं। टाइम ऑफ इंडिया के द्वारा उन्हें बेस्ट मुंबईकर की लिस्ट में शामिल किया गया था। इसके अलावा उन्हें एमेजॉन ने उन्हें उभरते हुए लेखकों की सूची में भी जगह दी थी। उन्होंने स्मोकिल्स, एंटी रेप कैंपेन और एजुकेशन फॉर ऑल जैसी कई कैंपेन्स में काम किया है।

उनके पढ़ाए हुए कई स्टुडेंट्स आईआईटी, एनडीए और यूपीएससी,सीडीएस में सलेक्ट हो चुके हैं। करन ने सिर्फ सपने देखे ही नहीं, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत भी की और इसलिए आज वह इस मुकाम पर हैं। 

करन तिवारी की कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी की भी उम्र, पेशा, या सामाजिक स्थिति को देखकर उनकी क्षमता का अनुमान नहीं लगाया जाना चाहिए। अगर काबिलियत हो, सच्ची लगन हो, मन में कुछ कर दिखाने का हौंसला हो तो फिर मुश्किल से मुश्किल ख्वाब भी हकीकत में बदल सकते हैं।

 

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The Interdisciplinary Journey of Dr. S Veeramani: A Postmodernism Scholar and Forensic Linguistics Researcher https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/27/rashtriya-pratishtha-purushkar-dr-s-veeramani/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/27/rashtriya-pratishtha-purushkar-dr-s-veeramani/#comments Sat, 27 May 2023 07:00:42 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=294 Dr. S. Veeramani , a celebrated academician with a PhD in English Language and Literature, is not just an expert in his field but a multi-faceted scholar making significant contributions in varied arenas. He has carved a unique academic path that traverses across the conventional boundaries of his discipline, blending it with intriguing aspects of […]

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Dr. S. Veeramani , a celebrated academician with a PhD in English Language and Literature, is not just an expert in his field but a multi-faceted scholar making significant contributions in varied arenas. He has carved a unique academic path that traverses across the conventional boundaries of his discipline, blending it with intriguing aspects of Forensic Science and Psychology.

An alumnus of St. Joseph’s College, Dr. S. Veeramani pursued his MA and PhD from the same prestigious institution. And, worked as assistant professor of English there for 9 years in his alma mater . And, he is A dedicated educator, Researcher, Soft Skills Trainer, and Multidisciplinary Resource person. he currently heads the Department of English in Government Arts and Science College, [Lalgudi, Trichy District, Tamilnadu 621712].

Dr. S. Veeramani is a recipient of numerous accolades, testifying to his professional and academic excellence. Among these is the Best Teacher Award and the Best Research Paper Publisher award, Kanavu Nayakan Dr.APJ Abdul Kalam Award, Best NAAC Coordinator Award, Recently, he has also been honored with the esteemed Rashtriya Pratishtha Award by the Worthy Wellness Foundation, a testament to his significant contribution to academia and society.

His interest in postmodernism has led him to produce extensive research papers and books on the subject. Postmodernism, as he explains, is a genre that advocates the breaking or rethinking or reconstructing of conventional ideologies, thus allowing for fresh, unrestricted development in society. Dr.S. Veeramani has published research articles on the subject and written books focusing on literary theory, feminism, and diaspora. His work on basic English grammar has also been well-received, all of which can be found on Amazon under his name.

However, his academic curiosity didn’t halt at literature. Venturing into the interdisciplinary and transdisciplinary domain, he has applied his language expertise to the field of Forensic Science, focusing specifically on Forensic Linguistics. His internationally acclaimed paper, published in Iran, explores how language can be employed to identify culprits or criminals, proving invaluable for the justice system and legal practitioners. He has acted as a resource person for’ A workshop on Forensic Linguistics’ for college students with the intention of promoting the language as evidence and tool for legal practitioners.

Dr.S. Veeramani continues to expand his knowledge and proficiency by completing online courses on Psychology, Cyber forensics, forensic psychology. He has completed Postgraduate Diploma in Criminology and Forensic Science(PGDCFS). Despite the difference in field, he believes that his contributions can aid in delivering proper verdicts in legal cases. Moreover, he is an expert in Outcomes Based Education(OBE).

His commitment to sharing knowledge is evident as he conducts workshops for college students on forensic linguistics, shaping young minds and inspiring future scholars.

Dr. S. Veeramani journey, from a scholar of English Literature to a researcher in Forensic Linguistics, is a testament to his unyielding curiosity and desire for knowledge. His work underscores the potential of interdisciplinary or transdisciplinary research in expanding the horizons of knowledge and contributing to society. His journey stands as an inspiring testament to the boundless possibilities of academic exploration.

He has published more than 30 research articles in the national and international journals. He has completed 60 online courses on varied disciplines.

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Rashtriya Pratishtha Purushkar Honors ‘King of Bodybuilding’ Karamjit Singh Soni https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-honors-king-of-bodybuilding-karamjit-singh-soni/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-honors-king-of-bodybuilding-karamjit-singh-soni/#respond Wed, 24 May 2023 13:48:03 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=290 Karamjit Singh Soni receives Rashtriya Pratishtha Purushkar for his extraordinary accomplishments ‘King of Bodybuilding’, Karamjit Singh Soni, was honored with the Rashtriya Pratishtha Purushkar by the Worthy Wellness Foundation. The foundation’s founders, Somya Bajpai and Mansi Bajpai, applauded his exceptional contributions as an athlete. Karamjit Singh’s journey in the athletic world has been nothing short […]

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Karamjit Singh Soni receives Rashtriya Pratishtha Purushkar for his extraordinary accomplishments

‘King of Bodybuilding’, Karamjit Singh Soni, was honored with the Rashtriya Pratishtha Purushkar by the Worthy Wellness Foundation. The foundation’s founders, Somya Bajpai and Mansi Bajpai, applauded his exceptional contributions as an athlete.

Karamjit Singh’s journey in the athletic world has been nothing short of extraordinary. He encountered numerous setbacks, yet he persevered. His journey of determination and relentless effort underscores the trajectory of triumph.

Soni initiated his gym regimen in 2016 and secured a win in a state-level competition in March 2017. Subsequently, he had the opportunity to participate in the Junior Mister India competition. He was around 21 years old at the time, but due to certain circumstances, he was not invited to Mumbai. Following this, he began a challenging phase of his life, facing one hurdle after another. In 2018, he participated in seven competitions, facing defeat in all of them. The following year, he competed in three more contests, again without success.

The year 2020 was largely marred by the COVID-19 pandemic, which impacted his ability to maintain his body to athlete-standard. This period led Karamjit to introspect deeply about his strategies, and what could be going wrong, obstructing his path to success. Determined to overcome his challenges, he rebooted his journey in 2021 with twice the resolve. The entirety of 2021 was predominantly spent on bodybuilding, and he resumed his competition preparations from January 3, 2022.

His selection for the Mr. India contest happened in August 2023. On December 25, 2022, he triumphed in the Mr. South India competition held in Chennai. The following year, in 2023, he retained his Mr. South India title. Post this, he maintained a steady forward momentum. On April 9, 2023, he bagged a silver medal in the Mr. India 65 kilogram weight category. Prior to this, in August 2022, he had also clinched the Mr. Telangana title.

Going forward, he aspires to secure illustrious titles such as Mr. Asia, Mr. Malaysia, and Mr. Berlin. Karamjit Singh Ji passionately encourages the youth to relentlessly work hard towards achieving their goals, and steer clear from shortcuts.

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राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित हुए किंग ऑफ बॉडी बिल्डिंग करमजीत सिंह सोनी https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-by-worthy-wellness-foundation/ https://rashtriyapratishtha.com/2023/05/24/rashtriya-pratishtha-purushkar-by-worthy-wellness-foundation/#respond Wed, 24 May 2023 13:37:56 +0000 https://rashtriyapratishtha.com/?p=278 करमजीत सिंह सोनी को शानदार उपलब्धियों के लिए मिला राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार। किंग ऑफ बॉडी बिल्डिंग करमजीत सिंह सोनी को वर्थी वैलनेस फाउंडेशन की ओर से संस्था के फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा एथलीट के तौर पर उनके शानदार काम के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एथलीट के तौर पर […]

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करमजीत सिंह सोनी को शानदार उपलब्धियों के लिए मिला राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार।

किंग ऑफ बॉडी बिल्डिंग करमजीत सिंह सोनी को वर्थी वैलनेस फाउंडेशन की ओर से संस्था के फाउंडर सौम्या बाजपेयी और मानसी बाजपेयी द्वारा एथलीट के तौर पर उनके शानदार काम के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

एथलीट के तौर पर करमजीत सिंह का सफर शानदार रहा। उन्हें कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बुलंद हौंसले और मेहनत के दम पर कामयाबी की नई इबारत लिखी।

उन्होंने 2016 में जिम जाना शुरू किया था। मार्च 2017 में स्टेट लेवल कॉम्पिटिशन जीता। इसके बाद उन्हें जूनियर मिस्टर  इंडिया में भाग लेने का भी मौका मिला। उस वक्त उनकी उम्र लगभग 21 साल थी लेकिन कुछ वजहों से उन्हें मुंबई नहीं बुलाया गया। इसके बाद उनका मुश्किल वक्त शुरू हुआ और एक के बाद एक मुश्किलें उनके रास्ते में आईं।

2018 में उन्होंने 7 प्रतियोगिताओं में भाग लिया और सातों ही हार गए। फिर 2019 में 3 प्रतियोगिताओं में भाग लिया और तीनों में हार मिली। इसके बाद साल 2020 लगभग पूरा ही कोविड में निकल गया और मेहनतमशक्कत से जो बॉडी उन्होंने बनाई थी वह भी धीरेधीरे एथलीट के हिसाब से सही नहीं रही।

यह वह वक्त था जब करमजीत इस सोच में डूब गए थे कि आखिर उनसे गलती कहां हो रही है? क्या कमी रह गई है जो उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है? 2021 में एक बार फिर दोगुने जोश के साथ उन्होंने सफर शुरू किया। पूरा 2021 लगभग बॉडी बनाने में ही चला गया और फिर 3 जनवरी 2022 से उन्होंने दोबारा तैयारी शुरु की।

अगस्त 2023 में मिस्टर इंडिया के लिए उनका सिलेक्शन हुआ। 25 दिसंबर, 2022 को चेन्नई में उन्होंने मिस्टर साउथ इंडिया जीता।

अगले साल 2023 में हुए मिस्टर साउथ इंडिया का खिताब भी उन्होंने अपने नाम किया। इसके बाद वह लगातार आगे बढ़ते रहे। 9 अप्रैल 2023 को मिस्टर इंडिया 65 किलोग्राम वेट कैटेगरी में उन्हें सिल्वर मेडल मिला। इससे पहले अगस्त 2022 में उन्हें मिस्टर तेलंगाना का खिताब भी मिला था।

आने वाले समय में वह मिस्टर एशिया, मलसमीनिया और मिस्टर बर्लिन जैसे खिताब अपने नाम करना चाहते हैं। करमजीत सिंह जी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए यूथ को कड़ी मेहनत करने और शॉर्टकट से दूर रहने का संदेश देते हैं।

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